इसराइल ने शुरू की ग़ज़ा सिटी पर कब्ज़े की कार्रवाई, क्या है असली प्लान?

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

Middle East में तनाव एक बार फिर चरम पर है। इसराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने ग़ज़ा सिटी पर कब्ज़े की योजना के तहत ज़मीनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

इस सैन्य ऑपरेशन को 20 अगस्त 2025 को लॉन्च किया गया और यह सीधे इसराइल के डिफेंस मिनिस्टर इसराइल काट्ज़ की अनुमति से शुरू हुआ है।

क्या है इसराइल की नई Gaza Strategy?

IDF के प्रवक्ता ने बताया कि ग़ज़ा सिटी के बाहरी हिस्सों जैसे ज़ैतून और जबालिया पर पहले ही सैन्य नियंत्रण स्थापित कर लिया गया है।

अब फोकस है core city areas पर कब्ज़ा कर उन्हें हमास के प्रभाव से पूरी तरह मुक्त करना।

“हम ग़ज़ा सिटी को हमास के प्रभाव से पूरी तरह खत्म करना चाहते हैं,” — IDF स्पोक्सपर्सन

इस प्लान का Main Objective क्या है?

इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने इस प्लान के 5 मुख्य उद्देश्य गिनाए:

  1. Disarmament of Hamas (हथियारों से मुक्त करना)

  2. सभी बंधकों की वापसी — चाहे जीवित हों या मृत

  3. ग़ज़ा पट्टी का Demilitarization

  4. सुरक्षा नियंत्रण इसराइल के हाथ में देना

  5. A new civil administration – न हमास और न Palestinian Authority

क्यों सिर्फ Gaza City ही है टारगेट?

हालांकि पहले नेतन्याहू ने पूरे Gaza Strip पर कब्ज़े की बात की थी, लेकिन अब फोकस सिर्फ Gaza City पर है।

क्यों?

  • Gaza City हमास का मुख्य सैन्य व प्रशासनिक गढ़ है

  • यहाँ सबसे ज्यादा surviving command centers मौजूद हैं

  • इस पर कब्ज़ा करके इसराइल, हमास की रीढ़ तोड़ सकता है

क्या है अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया?

United Nations:

“यह कदम बड़े पैमाने पर जबरन विस्थापन और नागरिकों की हत्या को जन्म देगा।”

ब्रिटेन:

किएर स्टार्मर ने इसे “ग़लत फैसला” करार दिया और चेताया कि इससे हिंसा और बढ़ेगी।

जर्मनी:

जर्मनी ने साफ़ कहा कि अब वो इसराइल को ऐसे हथियार नहीं देगा जिनका उपयोग ग़ज़ा में किया जा सकता है।

अमेरिका:

अमेरिका ने अपेक्षाकृत सॉफ्ट स्टैंड लिया। उनके राजदूत ने कहा:

“यह इसराइल का निर्णय है, हम उन्हें नहीं बताएंगे कि उन्हें क्या करना चाहिए।”

नेतन्याहू Gaza को किसे सौंपना चाहते हैं?

बिन्यामिन नेतन्याहू ने एक बयान में कहा कि वो ग़ज़ा को “Arab powers” को सौंपना चाहते हैं। लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वो कौन हैं।

संभावित विकल्प:

  • मिस्र – लेकिन उसने इसराइली कब्ज़े के बाद ग़ज़ा में घुसने से इंकार किया है

  • जॉर्डन – अब तक नो कमेंट की स्थिति में है

इन हालातों में यह स्पष्ट नहीं है कि नेतन्याहू किसको ग़ज़ा की civilian authority देना चाहते हैं।

क्या हमास पूरी तरह खत्म हो सकता है?

विशेषज्ञों का मानना है कि:

  • Gaza City पर कब्ज़ा हमास के खिलाफ symbolic जीत हो सकती है

  • लेकिन हमास एक underground guerilla force के रूप में जिंदा रह सकता है

  • कब्ज़े के बाद भी “स्थायी शांति” की गारंटी नहीं

आगे की राह कैसी दिखती है?

  • ग़ज़ा में बंधकों की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है

  • 60,000 रिज़र्व सैनिकों को अगले महीने तैनात किया जाएगा

  • नागरिक इलाकों में humanitarian crisis और गहरा सकता है

  • और एक बात तय है – राजनीतिक दबाव नेतन्याहू पर और बढ़ेगा

ग़ज़ा सिटी पर कब्ज़ा इसराइल की सबसे आक्रामक सैन्य रणनीति में से एक है। इससे एक तरफ़ हमास को कमजोर किया जा सकता है, लेकिन दूसरी ओर यह कदम क्षेत्र में स्थायी युद्ध और मानव संकट को भी जन्म दे सकता है। क्या यह ऑपरेशन Middle East को नई शांति देगा या और ज्यादा खून? — यह आने वाले हफ्तों में साफ़ होगा।

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